सूरज चँदा ने 'हम' बन जब हाथ मिलाया सूरज चँदा ने 'हम' बन जब हाथ मिलाया
शपथ हम खाते हैं,जल बचाएंगे कल बचाएंगे, शपथ हम खाते हैं,जल बचाएंगे कल बचाएंगे,
वृक्षों का मानव पर बड़ा ही उपकार है प्रकृति ने हमें वृक्ष का दिया सुन्दर उपहार है वृक्षों का मानव पर बड़ा ही उपकार है प्रकृति ने हमें वृक्ष का दिया सुन्दर उपहार...
देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से। देना जानती है ये भी ईंट का जवाब पत्थर से।
तेरे हर एक पल से मुझे तेरा आशीर्वाद मिला। तेरे हर एक पल से मुझे तेरा आशीर्वाद मिला।
दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा। दुनिया को मिले जहाँ स्वार्थ वो तो बस वही होगा।